Monday, May 7, 2012

{ १५५ } चेहरा





भीड में खो जाता इंसान का चेहरा

हर तरफ़ घूमता बेईमान का चेहरा

कहीं है हैवान कहीं शैतान का चेहरा

कोई लगा बैठा अभिमान का चेहरा

नही मिलता अब नूरान सा चेहरा

बदलते रंग तिलिस्मान सा चेहरा

आइना बयाँ करे इंसान का चेहरा।।


................................... गोपाल कृष्ण शुक्ल

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