Sunday, February 26, 2012

{ १०३ } पैगामे-इश्क





इश्क ने भेजे हैं हसीन पयाम आपके लिये
दिल ने भेजे है लाखॊं सलाम आपके लिये।

हैरत है देखकर आपकी आँखों कि तिश्नगी
आ जाइये हाजिर है ये गुलाम आपके लिये।

बिजलियों और घटाओं की आशनाई में सजी
मस्त मौसमे-बहार का मुकाम आपके लिये।

इश्क को अपना धर्म इश्क को इबादत कहिये
भेजा है आशिकी का ही ईनाम आपके लिये।

मुझमे तुमने, तुझमे हमने इश्क ही है देखा
इस लिये भेजा इश्क का पैगाम आपके लिये।


........................................... गोपाल कृष्ण शुक्ल


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